Taraweeh ki Dua
Taraweeh ki Dua या Tarabi ki Dua एक दुआ है जिसे रमजान के महीने में तारवीह की नमाज़ के बाद पढ़ा जाता हैं। हमने निचे दिए गए तरीकेसे आपको इस दुआ को एक दिन में पांच बार पढ़ना हैं।
इस वेबसाइट को सिर्फ तरावीह की दुआ के बारे में जानकारी देने के लिए बनाया हैं। इस वेबसाइट पर तरावीह के तरीके और इस्तेमाल के बारे हर जानकारी को शेयर किया गया हैं।
हम सब जानते हैं की इस्लाम में रमजान का कितनी एहमियत हैं। इस महीने में जो भी दुआ की जाती हैं वो जल्दी काबुल की जाती हैं। अगर आपको पता हैं की रमजान का क्या एहमियत हैं, पर अगर आपको इसका इस्तेमाल कैसे करे इसके बारे में पता न हो, तो आपका नुकसान हो सकता हैं। रमजान में रोज़ा, नमाज़, और रोज़ा को ध्यान से किया जाना चाहिए।
इस वेबिस्ते पर हम आपको रमजान की बोहोत जरूरी दुआ के बारे में बताएँगे जिसका नाम हैं Taraweeh ki Dua. अगर आपने रोज़े रखे और आपसे नमाज़ और दुआ पढ़ने में गलती हो गयी तो आपकी मेहनत जाया जाएगी। इसलिए हम जो भी इनफार्मेशन आपके साथ शेयर करेंगे आपको उसे ध्यान से सीखना हैं।
तरावीह की नमाज़ २० रकत में पढ़ी जाती हैं। ये नमाज़ अलग जगह अलग तरीकेसे पढ़ी जाती है। मस्जिद में इमाम इस नमाज़ को २० रकअत में पढता हैं। इसमें क़ुरान के बड़े पोरशन को इमाम पढता हैं और बाकि लोग उसके साथ उसे दोहराते हैं। ध्यान रखिये की इमाम हर चार रकअत के बाद दुआ पढ़ेगा। इस दुआ को “तरावीह की दुआ” कहा जाता हैं।
Taraweeh ki Dua Arabic
سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ ط سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْکِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ ط سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ ط اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْر۔

इस दुआ को आप अरबिक में देख सकते हैं। इसे आप सीधे हमारी वेबसाइट खोलके पढ़ सकते हैं। यहाँ पर सिर्फ तरावीह की दुआ मिलेगी इसलिए आपको ज्यादा ढूँढ़नेकी जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर आपको ये पढ़ना नहीं आता हैं, तो आपको क्या करना हैं वो भी हम आपको निचे बताएँगे।
ये दुआ काफी खास हैं क्योंकि इसे तरावीह के नमाज़ के बाद पढ़ा जाता है। तरावीह की नमाज़ को सिर्फ रमजान के महीने में पढ़ा जाता हैं। ध्यान रखिये ये नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ी जाय और उसके पहले वजू किया जाय।
मुसलमानोंको नमाज़ पढ़ने के लिए किसी पास की मस्जिद में जाना चाहिए और साथ में इसको पढ़े। जब तरावीह की नमाज़ की ४ रकत हो जाय तब तरावीह की दुआ को पढ़ना चाहिए। इससे आपको बिच में आराम मिलेगा क्योंकि तरावीह की नमाज़ काफी बड़ी होती हैं और ये लगभग दो घंटे तक चल सकती हैं।
Taraweeh ki Dua Hindi
अगर आपको ऊपर दी गयी दुआ को पढ़ना नहीं आता तो आप इस दुआ को हिंदी में पढ़ सकते हैं। यहाँ पर तरावीह की दुआ को हिंदी में दिया गया हैं।
इस दुआ को हर चार तरावीह की नमाज़ के रकत के बाद पढ़ा जाता हैं। इस तरह एक दिन में इसे पांच बार पढ़ना पड़ता हैं। इसे रमजान के पुरे महीने तक पढ़ना चाहिए पर ज्यादातर शहरों में इसे लगभग दस दिनों तक पढ़ा जाता हैं।
सुब्हा-नल मलिकिल क़ुद्दूस;
सुब्हा-न ज़िल मुल्कि वल म-ल कूत;
सुब्हा-न ज़िल इज्जती वल अ-ज़-मति वल-हैबति वल क़ुदरति वल-किब्रियाइ वल-ज-ब-रुत;
सुब्हा-नल मलिकिल हैय्यिल्लज़ी ला यनामु व ला यमूत;
सुब्बुहुन कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रूह;
अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नारि;
या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर।

Taraweeh ki Dua English
Subhanal Malikil Quddus;
Subhana jil Mulki wal Malakuti;
Subhana jil izzati wal ajhmati wal haybati wal Qudrati;
wal kibriyaa’i wal jabaroot;
Subhanal Malikil hayyil lajhi, la yunaamu wa layamutu;
Subbuhun, Quddusun, Rabbuna Rabbul malaa’ikati war-rooh;
Allahumma Ajirnee akhlusna Minan Naar;
Ya Mujeero, Ya Mujeero, Ya Mujeer.

यहाँ पर आपको तरावीह की दुआ को इंग्लिश में पढ़ना हैं तो उसका भी इंतजाम किया गया हैं। हर बार देखकर पढ़ने से अच्छा हैं की आप इस दुआ को याद करले। इसके बाद याद की गयी दुआ को किसी इमाम के पास जाकर सुनाये। अगर आपने तरावीह की दुआ को अच्छी तरह से याद कर लिए तो आपको इसे पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
Meaning
अल्लाह पाक वो हैं जो इस जमीं और आसमान का मालिक है। अल्लाह पाक वो हैं जिसकी इज्जत, ताकद, और महानता का कोई सनी नहीं हैं, जो हमेशा जिन्दा रहता हैं, जो कभी नींद नहीं लेता और नहीं मरता हैं। वो जो बेइंतहा पाक हैं, जो फ़रिश्तो और जो रूहोंका मालिक हैं। ये अल्लाह हमें जहन्नुम की आग से बचाना।
FAQ
Taraweeh ki Dua kya hain?
तारावीह की नमाज़ के बाद पढ़ी जानी वाली दुआ हैं। इसे रमजान के हर दिन पांच बार पढ़ना जरूरी हैं।
Taraweeh ki Namaz kitne rakat me padhi jati hain?
तरावीह की नमाज़ ईशा की नामज के बाद ऐडा की जाती हैं जिसे २० रकत में पढ़ा जाता हैं।
Taraweeh ki Dua kab padhi jati hain?
तरावीह की नमाज़ के हर ४ रकअत के बाद तरावीह की दुआ को पढ़ा जाता हैं।
Kya ise sirf Arabic me padha ja sakta hain?
अगर आपको तरावीह की दुआ अरबिक में पढ़नी आती हैं हैं तो अरबिक में पढ़े नहीं तो हिंदी या इंग्लिश का उपयोग करे।
Final Thoughts
रमजान का महीना तो सभी मुसलमानो के लिए खास होता हैं पर इसके तरीके भी जान लेना बोहोत जरूरी हैं। यहाँ इस वेबसाइट पर ऐसेही एक तरीके के बारे में पूरी जानकारी शेयर की हैं जिसे तरवीह की दुआ कहते हैं। इस दुआ को हमने तीन भाषाओंमे दिया हैं , आपको जो भाषा आसान लगती हो उसमे इस दुआ को पढ़ने की कोशिश करे।
किसी दुआ को ठीक से नहीं पढ़ा तो उसका फायदा नहीं होता और अगर आपने किसी दुआ को ज्यादा दिनों तक गलत पढ़ा तो ये गुनाह भी माना जा सकता हैं। इसलिए, हमने जो भी बाते बताई जैसे की नमाज़ से पहले वजू करना, बिना गलती किये दुआ को पढ़ना, मस्जिद में जाकर दुआ को पढ़ना इनका ध्यान रखिये। इस तरह से दुआ को पढ़ा जाने से आपको बड़ा फायदा होगा।